उत्तर प्रदेश के कल्याणक तीर्थो की यात्रा

11 जुलाई, 1993 की रात 9:30 बजे की गाड़ी से रवाना होकर 12 जुलाई की सुबह इलाहाबाद पहुंचा। स्टेशन से सीधा पुरिमताल तीर्थ बाई का बाग, जहां भगवान ऋषभदेव जी का एक कल्याणक-केवलज्ञान है, पहुंचा। स्नान वगैरह से निवृत्त होकर पूजा-पाठ कियाठहरने व स्नान आदि की तीर्थ में अच्छी व्यवस्था की जरुरत है। शाम को सात बजे आटोरिक्शा से रवाना होकर 10:30 बजे रात को श्री कौशाम्बी तीर्थ पहुंचा। साथ में थे वहां के मैनेजर


13/7/1993 को सुबह 6:00 पभोषा तीर्थ के दर्शन किये। फिर वापस कौशाम्बी तीर्थ आकर भगवान श्री पदमप्रभु जी के मंदिर में (4 कल्याणकपूजा-पाठ कर रवाना होकर इलाहाबाद पहुंचाइलाहाबाद आकर वहां बनारस के लिए बस पकडी व शाम को बनारस पहुंचा। 14/7/1993 की सुबह सबसे पहले श्री सिंहपुरी तीर्थ (हीरावणपुर गांव) भगवान श्री श्रेयांसनाथ जी के मंदिर में (चार कल्याणक) फिर श्री चंद्रपुरी तीर्थ (गांव चन्द्रावती) भगवान श्री चंद्रप्रभुजी के मंदिर में (चार कल्याणक) फिर श्री भेलूपुर तीर्थ भगवान श्री पार्श्वनाथ जी के मंदिर में (चार कल्याणक) व अंत में श्री भदैनी तीर्थ भगवान श्री पार्श्वनाथ जी के मंदिर में (चार कल्याणक) तीर्थ में पूजा-पाठ किया। भेलूपुर व भदैनी तीर्थ बनारस शहर के मध्य स्थित है। 2:15 बजे भेलूपुर धर्मशाला में भोजन किया। भोजन की व ठहरने की अच्छी व्यवस्था है। सिंहपुरी (सारनाथ) में बौद्ध मंदिर के दर्शन किये व पुरातत्व अवशेष बौद्ध मठों को देखे। अशोक स्तम्भ का टूटा हुआ भाग देखा


तीन बजे बस से रवाना होकर इलाहाबाद 7 बजे पहुंचा। जहां से हाथोहाथ दूसरी बस से रवाना होकर रात्री के 1:30 बजे फैजाबाद पहुंचा। रात्री विश्राम होटल में किया


15/7/1993 को सुबह वहां से कार द्वारा श्री रत्नपुरी जी जाकर भगवान श्री धर्मनाथ जी के (चार कल्याणक) मंदिर में पूजा, प्रक्षाल व पाठ कियाउसके बाद श्री अयोध्या तीर्थ में पांच तीर्थंकरों के कल्याणक मंदिर 1


 


 


 


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